
मुंगेली/छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला की शिखा गोस्वामी “निहारिका” पिता कमल गिरी गोस्वामी निवासी बैतलपुर जो कि साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा की किरण हैं। शब्दों के प्रति अटूट जुनून के साथ,उन्होंने ऐसी कविताएँ गढ़ी हैं जो मानवीय अनुभव के साथ गहराई से जुड़ती हैं,जीवन की सुंदरता और जटिलता को उजागर करती हैं। अपनी भावनात्मक गहराई और गीतात्मक अनुग्रह के लिए प्रसिद्ध उनकी कविता ने कई लोगों के दिलों को छुआ है, जिससे उन्हें साहित्यिक हलकों से प्रशंसा और प्रशंसा मिली है।
बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली है शिखा
अपनी काव्यात्मक प्रतिभा के अलावा,शिखा एक समर्पित शिक्षिका हैं, जो ज्ञान और रचनात्मकता के साथ युवा दिमागों को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी अभिनव शिक्षण पद्धतियों और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण ने अनगिनत जीवन बदल दिए हैं, जिससे उनके छात्रों में सीखने और आलोचनात्मक सोच के प्रति प्रेम पैदा हुआ है। कविता और शिक्षा के क्षेत्र में शिखा का दोहरा योगदान उन्हें एक सच्ची पुनर्जागरण महिला के रूप में दर्शाता है, जिनका काम सीमाओं से परे है और दूसरों को समर्पण और दिल से अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
इससे पहले भी शिखा को मिल चुका अन्य सम्मान
यह बड़े गर्व की बात है कि अंतर्राष्ट्रीय विश्व रिकॉर्ड्स ने शिखा गोस्वामी “निहारिका” को कविता और शिक्षण दोनों में उनकी असाधारण उपलब्धियों और स्थायी प्रभाव का सम्मान करते हुए अंतर्राष्ट्रीय आइकन पुरस्कार 2024 प्रदान किया है।
